जब राजकपूर ने दर्शकों को हंसा हंसा कर रुलाया था
असल की जिंदगी से गहरे तक जुड़ी राजकपूर की फ़िल्में पर्दे पर नहीं बल्कि उनकी आंखों में पलती थी। राजकपूर असल की जिंदगी में से आधी हकीकत बड़ी बारीकी से निकालते और उतनी ही बारीकी से उसमें थोड़ा सा फ़साना मिलाकर सेलुलॉयड पर उतार देते थे। यहीं उनका हुनर था, यहीं उनका फ़न था, यहीं जादूगरी थी और यहीं उनका ईश्वरत्व था। राज ने कुछ ऐसा ही किया – अपनी नाकाम मुहब्बतों की हकीकतों में एक जोकर का अफ़साना मिलाकर। राजकपूर इस फ़िल्म के जरिए और एक बेहद कड़वी हकीकत के जरिए दर्शकों को हंसा कर रूलाना चाहते थे। स्टेज पर खड़े जोकर के दिल में तो दर्द ही दर्द भरा था , लेकिन दर्द से सराबोर उस जोकर की रूलाई पर भी दुनिया हंसती नजर आती थी।
लेकिन जहां भी राजकपूर अपने सपनों की सच्चाई और फ़ैंटेसी का बैलेंस बनाने में चूंके जहां भी अफ़साना और हकीकात एक दूसरे पर हॉवी हुए, उनकी फ़िल्में बॉक्स आफ़िस पर चूंक गई।। राजकपूर की मल्टीस्टारर फ़िल्म मेरे नाम जोकर का फ़्लॉप होना उनके लिए सबसे बड़ा झटका था। उनकी बड़ी पूंजी डूब गई थी। कहा गया कि शो मैन का सुनहरा दौर खत्म हो गया। लेकिन शो मैन राजकपूर का कहना था कि द शो मस्ट गो ऑन। राजकपूर ने फ़िर अपने जवां दिल सुनी। बॉबी की टीन एज लव स्टोरी दुनिया को सुनाई। ये फ़िल्म ब्लॉक बस्टर साबित हुई।
अगले पज पर पढ़िए- मुकेश और राजकपूर की दोस्ती