कर्ज में डूबी भारतीय अर्थव्यवस्था, प्रति व्यक्ति 53 हजार से भी ज्यादा का कर्ज

0
अर्थव्यवस्था
Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse

दिल्ली: मोदी सरकार और उनके मंत्री भले ही अर्थव्यवस्था को बहुत तेजी से बढ़ने वाली या देश के लिए बेहतर बता रहे हों लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। जैसे-जैसे भारत की आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार बढ़ रही है वैसे-वैसे देश का खर्च और कर्ज भी बढ़ रहा है। आज देश का प्रति व्यक्ति कर्ज का आंकड़ा मार्च 2016 में 9% बढ़कर 53 हजार से ऊपर पहुंच गया। प्रति व्यक्ति कर्ज की गणना सरकार के कर्ज के आधार पर की जाती है। उंची ग्रोथ हासिल करने के लिए विकास खर्च की वजह से प्रति व्यक्ति कर्ज बढ़ा है। मार्च, 2015 के अंत तक प्रति व्यक्ति कर्ज 49,270 रुपये था मार्च, 2010 के अंत तक यह 30,171 रुपये था. 2013-14 में 45,319 रुपये का कर्ज।

इसे भी पढ़िए :  जीएसटी विधेयक पारित: मोदी ने ऐतिहासिक बताया, सभी पार्टियों को धन्यवाद दिया

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। वित्त वर्ष 2015-16 में कर्ज पर दिया गया ब्याज 4,41,659 करोड़ रुपये रहा।

इसे भी पढ़िए :  कश्मीर में फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप समेत 22 सोशल साइटों पर लगा प्रतिबंध, पढ़िए- क्यों?
Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse