अरुण जेटली ने कहा कि प्रति व्यक्ति कर्ज में इजाफा मुख्य रूप से विकास के लिए ज्यादा खर्च की वजह से हुआ है। सरकार के प्रति व्यक्ति कर्ज के बोझ में विदेशी कर्ज, आंतरिक कर्ज और अन्य देनदारियां शामिल होती हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 में औसतन प्रत्येक भारतीय पर 53,756 रुपए का कर्ज है। इसके अलावा मार्च, 2016 में भारत पर कुल 32.2 लाख करोड़ रुपए के बाहरी कर्ज का बोझ था। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक भारत पर बाहरी कर्ज का आकार इसकी कुल जीडीपी का आधा है। कुल जीडीपी के प्रतिशत की तुलना में भारत का बाहरी कर्ज का बोझ जीडीपी की केवल 50 फीसदी के करीब है।