दिल्ली: बिहार के मुुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आज कहा है कि वो पाकिस्तान के मामले पर सरकार के साथ है और पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए कहा है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना की कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री की तारीफ वाले होर्डिंग लगाने वाले भाजपा नेताओं की आलोचना करते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘हम आतंकी हमलों से हमारे देश की सुरक्षा के विषय पर मजबूती से प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के साथ खड़े हैं और लक्षित हमलों के सबूत मांगे जाने का भी समर्थन नहीं करते लेकिन यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की है कि चुनावों के मद्देनजर सैन्य कार्रवाई का श्रेय लेने के लिए होर्डिंग लगाने से किसी पार्टी या नेता को रोकें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को प्रेमपत्र लिखना बंद करें और उसे उसी भाषा में कठोर जवाब दें जिसे वह समझता है।’’ नीतीश ने कहा, ‘‘कल ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने हमारे पड़ोसी को आतंकवाद का जन्मस्थान कहा था। मैं उनका समर्थन करता हूं और जदयू हमारी सुरक्षा और बाहरी कूटनीति से जुड़े मुद्दों पर केंद्र के साथ मजबूती से खड़ी है।’’ तीन तलाक के मुद्दे पर जदयू अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमारा रख साफ है। उस समुदाय के नेताओं और लोगों को मुस्लिम महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए मुद्दे का हल निकालना चाहिए। मामले में सरकार को दखल देने की कोई जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने 1996 से अपना रख साफ रखा है कि हम समान नागरिक संहिता के पक्ष में, जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के साथ छेड़छाड़ करने के पक्ष में नहीं हैं और अयोध्या मुद्दे का समाधान या तो किसी अदालत के आदेश से या दोनों समुदायों के बीच सहमति से निकाला जाना चाहिए।’’ सम्मेलन में जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी उपस्थित थे।