BSF में खराब खाने की शिकायत करने वाले जवान तेज बहादुर के लापता होने से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा। गुरुवार को तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला ने इस सिलसिले में हेबस कॉपर्स यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी।
याचिका में मांग की गई है कि तेज बहादुर यादव को अदालत के सामने पेश किया जाए। परिवार का दावा है कि वो कई दिनों से तेज बहादुर से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। यादव के परिजनों की मानें तो इस बारे में BSF को दो पत्र लिखे गए लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। शर्मिला ने मामले की उच्च-स्तरीय जांच की भी मांग की है। साथ ही तेज बहादुर यादव की वोलेंटरी रिटायरमेंट की दरख्वास्त के खारिज होने का मसला भी उठाया है।
तेज बहादुर के एक रिश्तेदार विजय ने बताया, ‘हमने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका दायर की है। तेज बहादुर की अपनी पत्नी से आखिरी बार सात फरवरी को बात हुई थी। हम उनके मोबाइल पर कॉल कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा। जब हमने उनके कार्यालय के नंबर पर संपर्क किया तो किसी ने हमें नहीं बताया कि वह कहां हैं या तो कोई जवाब ही नहीं दे रहे।’
विजय ने कहा कि परिवार वालों ने बीएसएफ के महानिदेशक को दो चिट्ठियां भी भेजी हैं, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं मिला है। परिवार वालों ने इससे पहले आरोप लगाया था कि तेज बहादुर को धमकाया जा रहा है और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।
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