चिदंबरम ने नोटबंदी को बताया साल का सबसे बड़ा घोटाला, कैशलेस ट्रांजेक्शन पर भी उठाए सवाल, जरूर पढ़ें

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पी चिदंबरम

सरकार के नोटबंदी के फैसले को अब पूर्व वित्‍त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने साल का सबसे बड़ा घोटाला बताया है। उन्होंने कहा कि ये फैसला निरर्थक साबित हुआ है। उन्होंने इस फैसले से प्राकृतिक आपदा से भी अधिक नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं कांग्रेस की ओर से कहा गया कि अभी हालात सामान्य होने में सात महीने लगेंगे। गौरतलब है कि आठ नवंबर को जब पीएम मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था तो उस वक्त उन्होंने सात दिन में स्थिति सामान्य होने की बात कही थी लेकिन 35 दिन गुजर जाने के बाद फिलहाल स्थिति काबू से बाहर है।

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उन्होंने कहा कि सरकार ने 500 रुपये का नोट बंद क्यों किया, जबकि यह सबसे ज्यादा चलन में था। इसके बाद 2000 का नोट क्यों लाए। यह सबसे बड़ा घोटाला है, इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह उसी तरह है जैसा खोदा पहाड़ और निकली चूहिया…

उन्होंने कहा कि यह कदम बिना सोच-विचार के उठाया गया है। 50 दिनों में हालात ठीक नहीं होंगे। 91 लोग बैंकों की लाइन में खड़े होकर मर गए। लोग कतार में हैं और उन्हें 2500 रुपये मिल रहे हैं। सरकार किसानों को सजा दे रही है। गांवों के बाजार और मंडी कई दिनों से बंद हैं।

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चिदंबरम ने कहा-हालात कैसे ठीक होंगे, क्योंकि एक महीने में 300 करोड़ से ज्यादा नोट नहीं छपते। नोटबंदी गरीबों पर हमला है, उनकी कमर टूट गई है।

चिदंबरम ने पूछा, क्या नोटबंदी से भ्रष्टाचार कम हो गया है? यह सिर्फ भ्रम है कि अमीरों को परेशानी हो रही है, इसमें गरीब ही पिस रहा है। लोग अपना ही पैसा बैंकों से लेने में परेशान हो रहे हैं। इस स्कैम की जांच होनी चाहिए।

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उन्होंने इसके जांच की मांग करते हुए कहा कि अभी हालात सामान्य होने में सात महीने लगेंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से 50 दिन का समय मांगा था और कहा था कि 50 दिन के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगेंगे।