पहले यह सोचा गया था कि राजस्व नुकसान के लिए 4-5 राज्यों को मुआवजे की जरूरत होगी। लेकिन 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी से राजस्व में नुकसान के कारण अब और अधिक राज्यों को राजस्व सहायता की आवश्यकता हो सकती है। सूत्रों के अनुसार ‘मुआवजा कोष के स्रोत’ से जुड़े कानून के हिस्से को फिर से तैयार किया जा रहा है। इसमें मुआवजा राशि को उपकर या अन्य कर के जरिये जुटाये जाने पर चर्चा होगी और फिर जैसा भी जीएसटी परिषद निर्णय करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि अब तक जो भी फैसले किये गये हैं, वे सर्वसहमति के आधार पर किये गये हैं। कोई भी निर्णय ‘मतदान या दो तथा लो’ के आधार पर नहीं किये गये। जीएसटी से जुड़े विधेयकों के पारित होने के बाद उद्योग को तीन महीने के समय की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में सभी चीजें पूरी होने के बाद फैसला किया जाएगा। मैं स्वयं को बांधने नहीं जा रहा हूं। हमारा प्रयास यथाशीघ्र रास्ता साफ करने को लेकर है।































































