चुनाव में हार के बाद समाजवादी कुनबे ने होली तो खेली लेकिन दूरियों ने फीके कर दिए त्योहार के रंग

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होली

सैफई में रविवार को मुलायम सिंह यादव के कुनबे में होली तो खेली गई पर होली में खुशियों के रंग गायब थे। होली के पावन मौके पर सैफई परिवार में आपसी प्रेम नहीं दिखा। आज पहली बार सपा नेता शिवपाल सिंह यादव होली खेलने सैफई नहीं पहुंचे। जबकि दूसरी तरफ कार्यवाहक सीएम अखिलेश का पूरा परिवार सैफई में होली खेल रहा था। इससे यह तो साफ़ है कि चाचा-भतीजे के बीच अभी भी सब कुछ सही नहीं है।

शिवपाल ने आज सुबह से अपने इटावा स्थित आवास पर ही अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ होली का जश्न मनाया। जबकि उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक सीएम अखिलेश यादव कल शाम ही सैफई पहुंच गये थे। आज सुबह सैफई में उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ होली का जश्न मनाया। इस मौके पर अखिलेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष का फैसला होली के बाद किया जायेगा।

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उन्होंने प्रदेशवासियों को होली की बधाई दी। साथ ही उन्होंने मायावती के बयान का समर्थन किया और कहा कि मायावाती बड़ी नेता है और उन्होंने अगर ईवीएम मशीन की जांच की बात कही है तो सोच समझकर की होगी। इसलिए ईवीएम मशीन की जाँच होनी चाहिए।

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जुटा कुनबा, साथ मनाई होली

अखिलेश के परिवार के अलावा मुलायम सिंह के बड़े भाई अभयराम, छोटे भाई राजपाल यादव उनकी पत्नी, बेटा अभिषेक यादव अंशुल, अंशुर की पत्नी डा. स्वीटी, भतीजे बदायूं सांसद धर्मेंद्र यादव, अनुराग यादव, पौत्र मैनपुरी सांसद तेज प्रताप यादव एवं उनकी पत्नी राज लक्ष्मी होली मनाने के लिए शनिवार शाम को ही सैफई पहुंच गए थे। हालांकि शनिवार को मुलायम सिंह भी सैफई पहुंचे थे। तीन घंटे रुकने के बाद वह अखिलेश के पहुंचते ही लखनऊ वापस चले गए थे।

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गौरतलब है कि यूपी चुनावों से ठीक पहले समाजवादी पार्टी में अंदरूनी घमासान चरम पर पहुंच गई थी और पार्टी साफ तौर पर मुलायम और अखिलेश खेमे में बंटी नजर आई। चुनावों की घोषणा से ठीक पहले पार्टी का नेतृत्व संभालने को लेकर पिता-पुत्र में काफी तीखा संघर्ष हुआ था। चुनावों में मिली हार के बाद अखिलेश यादव ने रविवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और कहा कि समाजवादी पार्टी सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि विचारधारा है और ‘संघर्ष जारी रहेगा’।