दिल्ली: अत्यंत गरीबी में रहने वाले लगभग 38.5 करोड़ बच्चों में से 30 प्रतिशत से अधिक भारत में निवास करते हैं जो कि दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है।
विश्व बैंक समूह और यूनीसेफ की ‘एंडिंग एक्सट्रीम पॉवर्टी: ए फोकस ऑन चिल्ड्रेन’ शीषर्क वाली एक नयी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2013 में विकासशील देशों में 19.5 प्रतिशत बच्चे ऐसे घरों में रहते थे जो औसतन 1.90 डालर प्रतिदिन या उससे कम प्रति व्यक्ति पर गुजर करते हैं। वहीं इसके मुकाबले मात्र 9.2 प्रतिशत वयस्क ऐसी स्थिति में रहते हैं।
वैश्विक तौर पर लगभग 38.5 करोड़ बच्चे अत्यंत गरीबी में रहते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उप सहारा अफ्रीका में सबसे अधिक करीब 50 प्रतिशत बच्चे अत्यंत गरीबी में रहते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि दक्षिण एशिया में ऐसे बच्चों की दूसरी सबसे अधिक हिस्सेदारी है जो कि करीब 36 प्रतिशत हैं। इसमें से 30 प्रतिशत अकेले भारत में रहते हैं। इसमें कहा गया कि अत्यंत गरीबी में रहने वाले पांच बच्चों में से चार से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।