बार-बार कश्मीर राग अलापने वाले पाकिस्तान ने एक बार फिर यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाया जिसका पलटवार करते हुए भारत ने पाक को वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। साथ ही भारत ने यूएन में पाकिस्तान में हो रहे परमाणु हथियारों के विकास और जिहादी संगठनों के मुद्दे को भी उठाया।
कॉन्फ्रेंस ऑन डिसआर्मामेंट के दौरान पाकिस्तानी राजदूत तहमीना जंजुआ ने मौखिक रूप से जम्मू-कश्मीर के मसले की बात छेड़ी व कमेंट किया। जिसके जवाब में भारतीय राजदूत वेंकटेश वर्मा ने कहा कि शांति और स्थायित्व को सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद को मिलने वाले बढ़ावे और लगातार परमाणु शक्ति को विस्तार देने से है।
कॉन्फ्रेंस के दौरान जंजुआ ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा सुलझाए बिना क्षेत्रिय शांति संभव नहीं है। कॉन्फ्रेंस में जंजुआ ने उन्ही प्रस्तावों की पेशकेश की जिन्हें भारत लंबे समय से ठुकराता आ रहा है।
जंजुआ ने इस बात का जिक्र किया कि पिछले ही महीने यूएन में पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थायित्व की बात के प्रति पाक की पहल के बारे में बात की थी। उन्होंने बताया कि पाक प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय समझौते के लिए तैयार हैं। जिसके जवाब में वर्मा ने कहा कि जो देश परमाणु अप्रसार के रास्ते में बाधाएं डाल रहा हो, वह अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय से स्वार्थी प्रस्तावों पर सहमति की अपील कर रहा है। इंटरनैशनल डिसआर्मामेंट अजेंडे के रास्ते में पाकिस्तान सबसे बड़ी बाधा है।