गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री यहां सचिवालय में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में बोल रहे थे। गत 27 नवम्बर को गोवा में एक रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा था कि यह तटीय राज्य भारत का पहला नकदरहित राज्य बनेगा।
सरकार को इसलिए पुनर्विचार करने पर मजबूर होना पड़ा कि इस माह गोवा के व्यापारियों ने वाणिज्य कर विभाग के उस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें उन्हें व्यापार को नकदरहित बनाने के लिए दस दिनों के भीतर पंजीकरण कराने को कहा गया था। बाद में भाजपा की प्रदेश इकाई ने सरकार से विवादास्पद परिपत्र वापस लेने को कहा था।
पर्रिकर ने कहा, “वाणिज्य कर विभाग का परिपत्र अनिवार्य नहीं है। हम कम नकद समाज को बढ़ावा दे रहे हैं। यद्यपि वास्तविक हस्तान्तरण के लिए अंग्रेजी शब्द ‘कैशलेस’ (नकदरहित) है। कार्ड, पेटीएम, ई-वॉलेट और अन्य मोबाइल एप के जरिए बड़े पैमाने पर हस्तान्तरण हो सकते है।”
मंत्री ने कहा कि गोवा में विभिन्न मंचों पर करीब 26,000 लोगों को डिजिटल हस्तांतरण के बारे में जानकारी दी गई है।