दरअसल शशिकला को जयललिता की सबसे करीबी माना जाता था। इसी लिहाज से उन्हें जयललिता की परछाई भी कहा जाता था। अम्मा की हर जरूरत का ख्याल रखती थी शशिकला, लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि जयललिता की मौत हो गई और फिर शशिकला की भूमिका पर सवाल उठने शुरू हो गए।
नीचे पढ़िए आखिर क्यों शशिकला पर उठ रहे हैं सवाल –
1 – शशिकला दिन-रात जयललिता के साथ उनके ही बंगले में रहती थीं, इस हिसाब से वहीं उनकी सबसे करीबी थीं। अस्पताल में भी शशिकला ही उनसे मिलती-जुलती रहीं जबकि जयललिता की भतीजी का आरोप है कि के दौरान उसने कई बार अस्पताल में अम्माि से मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। सवाल उठना लाजमी है कि आखिर क्यों ? और किसके इशारों पर जयललिता को आखिरी वक्त तक उनके संबंधियों और नज़दीकियों से नहीं मिलने दिया गया।
2 – जयललिता ने चार साल पहले शशिकला को ये कहकर घर से बाहर निकाल दिया था कि वो अपने परिवार के साथ मिलकर उन्हें स्लो प्वाईज़न दे रही हैं और मारने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि काफी मान-मनोव्वल के बाद आखिरकार जयललिता ने शशिकला को दोबारा अपना लिया। लेकिन बशर्ते की वो अपने परिवार से संबंध खत्म कर दें। सवाल ये है कि आखिर जयललिता ने शशिकला पर ऐसे गंभीर आरोप क्यों लगाए ? और जयललिता को शशिकला के परिवार से कौन सा खतरा था जो अम्मा ने शशिकला को उनके परिवार से अलग रहने की नसीहत दी।
3 – जयललिता बीमारी से ठीक होने लगी थीं, डॉक्टरों ने उन्हें जल्द छुट्टी देने की बात भी कही थी लेकिन ठीक होते ही अचानक ऐसा क्या हुआ कि उनकी मौत हो गई, क्या ये महज़ एक इत्तेफाक था या फिर उनकी मौत के पीछे रची गई थी एक बड़ी साजिश ?
4 – जयललिता की सेहत को में क्यों रखा गया। उनकी मौत पर भी लगातार सस्पेंस बना रहा। इधर अम्मा के चाहने वाले उनके लिए दुआएं कर रहे थे और उधर पार्टी में अंदर ही अंदर प्लानिंग चल रही थी कि आखिर अम्मा के बाद कौन बनेगा तमिलनाडु का अगला मुख्यमंत्री। आखिर ऐसी किया जल्दी थी कि जयललिता की मौत की पुष्टि होते ही उनके अंतिम संस्कार का भी इंतजार नहीं किया गया और आनन-फानन में आधी रात ओ.पन्नीरसेल्वम को सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिला दी गई ?
5 – पहले दिन से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि जयललिता की मौत के बाद शशिकला AIADMK की महासचिव का पद भार संम्भालेंगी और आखिर हुआ भी वही। सवाल ये कि क्या पहले ही डील हो गई थी कि शशिकला ही अम्मा के पद और चीजों की वारिस बनेंगी ?
6 – शशिकला के परिवार को जयललिता ने जीते-जी कभी अपने नजदीक नहीं आने दिया । लेकिन उनकी मौत के बाद जब उनका शव राजाजी मैमोरियल में रखा गया था, तो शशिकला का परिवार वहीं ताबूत के पास अडिग खड़ा रहा और अंतिम संस्कार तक में सबसे आगे रहा, शशिकला के परिवार के दिल में आखिर ऐसा कौन सा प्रेम था जो जयललिता के निधन के बाद अचानक उमड़ पड़ा था।
7 – पन्नीरसेल्वम को जयललिता का सबसे करीबी और वफादार माना जाता था, बावजूद इसके उनके अंतिम संस्कार के दौरान पन्नीरसेल्वम के बजाए शशिकला के हाथों अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गईं। जबकि हिंदू धर्म में अंतिम क्रिया पुरुष के हाथों की जाती हैं ना कि किसी महिला के हाथों, क्या ऐसा कर शशिकला खुद को अम्मा की वारिस के तौर पर पेश करना चाहती थीं, और पार्टी के साथ-साथ सूबे की जनता को ये संदेश देना चाहती थीं कि अब लोग उन्हें अम्मा के तौर पर अपनाएं ?
8 – शशिकला के परिवार को जीते-जी अम्मा ने कभी घर में घुसने नहीं दिया लेकिन उनके मौत के अगले दिन से ही शशिकला का परिवार ने अम्मा के आलीशान बंगले में डेरा गाढ़ लिया। आखिर क्यों ?
9 – आखिर क्यों पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ही शशिकला की भूमिका पर संदेह जता रहे हैं और उनकी मौत को साजिश के तौर पर देख रहे हैं ? हर किसी के शक की सुई आखिर शशिकला की तरफ आकर ही क्यों थम रही है?