यूपी की सियासत में उस वक्त भूचाल आ गया, जब समाजवादी पार्टी में शिवपाल के इशारों पर बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को एंट्री दी गई। लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थे लेकिन आज आखिरकार मुख्यार की पार्टी कौमी एकत दल का विलय समाजवादी में हो ही गया। शिवपाल यादव ने सपा में कौमी एकता दल को लेकर अखिलेश यादव को तगड़ा झटका दिया है। गौरतलब है कि सीएम अखिलेश इस पक्ष में कतई नहीं थे कि सपा में बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को लिया जाए। कौमी एकता दल के विलय को लेकर अखिलेश और शिवपाल में विवाद था, लेकिन शह और मात के इस खेल में आखिरकार चाचा ने भतीजे को चित कर दिया।
मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी ने शनिवार को सपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाक़ात के बाद कहा कि समाजवादी पार्टी जिस हिसाब से टिकट का बंटवारा करेगी उसी अनुसार चुनाव लड़ा जाएगा।उन्होंने कहा कि पार्टी के मौजूदा विधायक और उनके भाई मुख़्तार अंसारी सपा के ही चुनाव चिन्ह पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव गाजीपुर का दौरा करेंगे और एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। आपको बता दें की दो दिन पूर्व ही शिवपाल यादव ने कौमी एकता दल के पार्टी में विलय की घोषणा की थी।
इससे पहले पिछले 21 जून को मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय हो गया था. लेकिन अखिलेश यादव के भारी विरोध करने के बाद 25 जून को लखनऊ में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक हुई जिसमें विलय को रद्द करने का ऐलान कर दिया गया।
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बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी साल 1996 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2002 और 2007 में निर्दल प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की। मुख्तार अंसारी ने 2012 के चुनाव से पहले कौमी एकता दल का गठन किया। कौमी एकता दल के अध्यक्ष मुख्तार के बड़े भाई पूर्व सांसद अफजाल अंसारी हैं। लखनऊ जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी मौजूदा समय में मऊ से विधायक हैं।
मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में चला रहा था और हत्या, फिरौती, गुंडा टैक्स, अपरहरण सहित तमाम ऐसे काले धंधे करता था जिसकी कानून इजाजत नहीं देता था। यही वजह है कि मुख्तार को पूर्वांचल का रोबिवहूड भी कहा जाता है।
इस पूरे घटना क्रम के बाद अखिलेश यादव की मांग है कि अगर मेरे चेहरे पर चुनाव लड़ रहे हैं तो टिकट बांटने का फैसला मेरे पास ही रहे। लेकिन मुख्तार की वापसी के बाद इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि अब पार्टी में अखिलेश के हाथ में कुछ बचा नहीं है।
वीडियो में देखिए – मुख्तार अंसारी का एक महीने पुराना इंटरव्यू जिसमें उन्होंने कहा था कि हम उस पार्टी को समर्थन करेंगे जो सांप्रदायिक ताकतों को हराने में सबसे आगे होगी