रावण ज्योतिष का प्रकांड विद्वान था। वह अपनी ताकत का बल सब पर दिखाता था।ऐसा ही उसने नवग्रहों के साथ किया। रावण ने अपने पुत्र को अजेय बनाने के लिए नवग्रहों को आदेश दिया था कि वह उनके पुत्र मेघनाद की कुंडली में सही तरह से बैठें। शनि महाराज ने बात नहीं मानी तो उन्हें बंदी बना लिया।