रावण के दरबार में सारे देवता और दिग्पाल हाथ जोड़कर खड़े रहते थे। लेकिन हनुमान जी ने लंकापति रावण के सामने सर नहीं बल्कि रावण को ही हिला डाला था लंका में आग लगाई और बंधी बने नवग्रहों को भी रावण के बंधन से मुक्त करवाया।
रावण के दरबार में सारे देवता और दिग्पाल हाथ जोड़कर खड़े रहते थे। लेकिन हनुमान जी ने लंकापति रावण के सामने सर नहीं बल्कि रावण को ही हिला डाला था लंका में आग लगाई और बंधी बने नवग्रहों को भी रावण के बंधन से मुक्त करवाया।