एनएसजी की सदस्यता पाने के लिए पाक ने भारत को परमाणु परीक्षण नहीं करने की व्यवस्था की पेशकश की

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दिल्ली

अभी तक पाकिस्तान एनएसजी यानि कि परमाणु आपूर्ति कर्ता समूह में इंट्री को लेकर शेखी बघारता नजर आ रहा था। लेकिन अब लगता है उसे समझ आ गया है कि उसे एनएसजी में सदस्यता नहीं मिल सकता है। इसीलिए एक ही हफ्ते में दूसरी बार पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण नहीं करने के लिए भारत को एक द्विपक्षीय व्यवस्था की पेशकश करते हुए आज कहा कि यह एनएसजी को एक सकारात्मक संदेश देगा, जहां दोनों देशों ने सदस्यता की अर्जी दे रखी है।

परमाणु हथियारों का परीक्षण नहीं किए जाने पर एक द्विपक्षीय व्यवस्था के लिए भारत को पाकिस्तान की पेशकश की घोषणा शुरू में 12 अगस्त को विदेश मामलों पर पाक प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने की थी।

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विदेश कार्यालय प्रवक्ता नफीस जकारिया ने आज कहा कि 1998 के परमाणु परीक्षण के बाद पाकिस्तान ने भारत से साथ साथ व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) का अनुपालन करने का प्रस्ताव किया था, लेकिन प्रस्ताव का भारत से कोई अनुकूल जवाब नहीं मिल पाया।

उन्होंने बताया कि एक बार फिर से क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के व्यापक हित में और वैश्विक संदर्भ में भी, पाकिस्तान ने दोनों देशों के एक द्विपक्षीय व्यवस्था पर विचार कर सकने की संभावना का संकेत दिया है, जो संयंम को बढ़ावा देने की इसकी नीति और दक्षिण एशिया में इसकी जिम्मेदारी तथा सीटीबीटी के उद्देश्यों के लिए इसके सतत समर्थन को जाहिर करता है। प्रवक्ता ने बताया कि यदि इस व्यवस्था पर परस्पर सहमति बन जाती है तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीटीबीटी में प्रवेश करने के लिए इंतजार किए बगैर फौरन ही बाध्यकारी बन जाएगा।

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उन्होंने कहा कि हालांकि दोनों देशों द्वारा घोषित एकपक्षीय रोक स्वैच्छिक, कानूनी रूप से गैर बाध्यकारी और एकतरफा तरीके से वापस लिए जा सकते हैं जबकि एक द्विपक्षीय व्यवस्था परस्पर बाध्यकारी होगी और एकतरफा तरीके से इसे वापस लेना मुश्किल होगा। दोनों ही देश व्यवस्था के ब्योरे और इस बारे में विश्वास बहाली उपायों पर काम करने का विचार कर सकते हैं। यह दक्षिण एशिया में हथियारों की होड़ को टालने के लिए परस्पर सहमति वाले उपायों का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। जकारिया ने कहा कि परमाणु परीक्षण नहीं करने पर एक द्विपक्षीय व्यवस्था परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह :एनएसजी: को भी एक सकारात्मक संदेश भेजेगा जो सदस्यता के सवाल पर एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों के परमाणु अप्रसार की प्रतिबद्धताओं पर चर्चा कर रहे हैं।

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इससे पहले उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान एनएसजी, एमटीसीआर और आस्ट्रेलिया समूह की अपनी सदस्यता के दावे के मजबूत होने को लेकर आश्वस्त है।