‘नरेंद्र मोदी अभी संयम बरत रहे हैं, मगर पाकिस्‍तान इसे हल्‍के में लेने की गलती न करे’

0
अमेरिका
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

अमेरिका के एक समाचार पत्र ने दावा किया है कि पाकिस्तान रणनीतिक संयम की भारत की नीति को अधिक समय तक हल्के में लेने की गलती न करे और यदि इस्लामाबाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग के प्रस्ताव को खारिज कर देता है तो यह देश को ‘‘अछूत राष्ट्र’’ बनाने की दिशा में एक कदम होगा। ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ में कल एक लेख में कहा गया, ‘‘मोदी अभी संयम बरत रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान लगातार इसे हल्के में लेने की गलती न करे । यदि सहयोग का मोदी का प्रस्ताव ठुकरा दिया जाता है तो यह पाकिस्तान को पहले से भी अधिक अछूत राष्ट्र बनाने की दिशा में एक कदम होगा।’’ इसने आगाह किया, ‘‘यदि (पाकिस्तानी) सेना सीमा पार हथियार एवं आतंकी भेजना जारी रखती है तो भारत के प्रधानमंत्री के पास कार्रवाई करने के लिए मजबूत स्पष्टीकरण होगा।’’ ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर नैतिकतापूर्ण व्यवहार करने के लिए भारत का सम्मानजनक दर्जा है लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस एवं भाजपा सरकारों में स्पष्ट रूप से इसे दिखाने का साहस नहीं था।

इसे भी पढ़िए :  कांग्रेस की मजबूती ही अब सबसे कमजोर नस बन गई है: गुलाब नबी आजाद

‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ ने कहा कि इसके कारण ‘‘रणनीतिक संयम’’ की नीति बनी जिसका अर्थ यह हुआ कि पाकिस्तान को पर्दे के पीछे की उसकी आतंकवादी गतिविधियों के लिए कभी भी जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा, भले ही ये आतंकवादी हमले कितने भी जघन्य क्यों न हों। समाचार पत्र ने कोई भी सैन्य कार्रवाई नहीं करने का निर्णय लेने के लिए मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि हालांकि उन्होंने सैन्य कार्रवाई नहीं की लेकिन उन्होंने इसकी जगह संकल्प लिया कि यदि (पाकिस्तानी) सेना आतंकवादी समूहों का समर्थन करना बंद नहीं करती है तो वह पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग करने के लिए कदम उठाएंगे। उसने कहा कि वह 1960 की सिंधु जल संधि को रद्द करने पर विचार कर रहे हैं जो सिंधु नदी के जल पर पाकिस्तान के अधिकारों की रक्षा करती है।

इसे भी पढ़िए :  दिल्ली के हवाला कारोबारियों से जुड़े कश्मीर के अलगाववादियों के तार, NIA को मिले सबूत
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse