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प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि आतंकवाद के खिलाफ सबसे पहले कौन लडा था? फिर खुद ही जवाब दिया, ‘‘रामायण गवाह है कि आतंकवाद के खिलाफ सबसे पहले जिसने लडाई लडी थी, वो जटायू ने लडी थी। एक नारी की रक्षा के लिए रावण जैसी सामर्थ्यवान शक्ति के खिलाफ जटायू लड़ता रहा, जूझता रहा। आज भी अभय का संदेश कोई देता है तो वो जटायू देता है, इसलिए सवा सौ करोड देशवासी राम तो नहीं बन पाते हैं। लेकिन अनाचार, दुराचार, अत्याचार के सामने हम जटायू के रूप में तो कोई भूमिका अदा कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘अगर सवा सौ करोड़ देशवासी एक बनकर आतंकवादियों की हर हरकत पर ध्यान रखें और चौकन्ने रहें तो आतंकवादियों का सफल होना बहुत मुश्किल होगा।’’ आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लडाई लडने का आह्वान करते हुए मोदी ने भारतीय संस्कृति के मूल्यों की भी चर्चा की।
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