नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पाकिस्तान को दी गयी सलाह पर तंज कसते हुए रविवार(25 सितंबर) को कहा कि पाकिस्तान सरकार और वहां की जनता को कोरी सलाह देने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए कि उनके पिछले ढाई साल के शासन के दौरान गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा के साथ साथ जनहित और जन कल्याण के मामले में भी इनका (मोदी सरकार का) रिकार्ड काफी ज्यादा खराब रहा है।
मायावती ने कहा कि पाकिस्तान के बारे में की गयी बयानबाजी ‘दूसरों को नसीहत, खुद की फजीहत’ की कहावत को चरितार्थ करती है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि सीमापार से लगातार हो रहे आतंकी हमलों से हो रहे जानमाल के भारी नुकसान को रोक पाने की असफलताओं छुपाने और अपनी कमजोरियों से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए अब पाकिस्तान को गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा के खिलाफ जंग लड़ने की सलाह दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि साथ ही इस बारे में पाकिस्तान की जनता को भी सलाह दी जा रही है, जबकि इनकी यह बयानबाजी वास्तव में ‘दूसरों को नसीहत, खुद की फजीहत’ के बहुप्रचलित मुहावरे को चरितार्थ करती है।
मायावती ने कहा कि जम्मू कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले में 18 जवानों के बलिदान से देश के लोगों में जबर्दस्त आक्रोश है। देश के लोग केन्द्र सरकार खासकर मोदी से ऐसे ठोस आश्वासन और प्रभावी कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं कि इन घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।
उन्होंने कहा कि देश की जनता हालांकि केन्द्रीय मंत्रियों खासकर प्रधानमंत्री की बार-बार बयानबाजी और आश्वासनों से तंग आ चुकी है। अब लोग चाहते हैं कि आतंकी घटनाओं में लोगों के जान माल खासकर सैनिकों पर होने वाले लगातार हमले समाप्त हों। इसमें जनता को केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार से मायूसी हाथ लगी है।