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दिल्ली: लगातार दो दिन में दो ट्रेनों के पटरी से उतरने के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को जोनल हेड और बोर्ड सदस्यों से सख्त लहजे में आज कहा कि वे या तो कदम उठाएं या जिम्मेदारी छोड़ दें। रेलमंत्री ने इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी समाधानों के लिए जापान और कोरिया के दरवाजे खटखटाए।
रेलवे के सारे शीर्ष प्रबंधन के साथ दिनभर चली मैराथन बैठक के दौरान यह भी फैसला किया गया कि सभी मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में कम से कम एक अधिकारी होगा, जो अगले 10 दिन तक व्यापक निरीक्षण के लिए रात के समय लोकोमोटिव पर यात्रा करेंगे और सुरक्षा तंत्र में कमियों के बारे में रिपोर्ट देंगे।
सभी एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों में एक अधिकारी की तैनाती मौजूदा कार्यक्रम और विभिन्न स्तरों पर निरीक्षण के अतिरिक्त होगी।
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