चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर और सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस कर्णन पर बड़ी कार्रवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्णन को अदालत, न्यायिक प्रक्रिया और पूरी न्याय व्यवस्था की अवमानना का दोषी मानते हुए छह महीने की सजा सुनाई है। जस्टिस कर्णन भारतीय जुडिशल सिस्टम के इतिहास में पहले ऐसे जज होंगे, जिन्हें पद पर रहने के दौरान जेल भेजे जाने का आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि आदेश का तुरंत पालन हो।
कोर्ट ने इसी के साथ मीडिया के लिए भी आदेश जारी किया है कि वह जस्टिस कर्णन का बयान नहीं चलाएगा बता दें कि जस्टिस कर्णन ने सोमवार को सीजेआई और उनके 6 साथी जजों को SC/ST एक्ट के प्रावधानों के तहत दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा के आदेश दिए हैं।
अडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह, सीनियर एडवोकेट केके वेणुगोपाल और रूपिंदर सिंह सूरी ने कहा कि जस्टिस कर्णन को सजा मिलनी ही चाहिए। हालांकि, वेणुगोपाल ने कहा, ‘अगर जस्टिस कर्णन को जेल भेजा जाता है कि इससे जुडिशरी पर एक पदासीन जज को जेल भेजने का कलंक लगेगा।’ इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवमानना के मामले में यह नहीं देखा जा सकता है कि ऐसा एक जज ने किया है या आम शख्स ने। चीफ जस्टिस की अगुआई वाली बेंच ने कहा, ‘अगर जस्टिस कर्णन जेल नहीं भेजे जाएंगे तो यह कलंक आरोप लगेगा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक जज की अवमानना को माफ कर दिया।’ कोर्ट ने कहा कि कर्णन को सजा इसलिए दी जा रही है क्योंकि उन्होंने खुद यह ऐलान किया था कि उनकी दिमागी हालत ठीक है।
1 मई को सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की संविधान पीठ ने जस्टिस कर्णन की मानसिक जांच के लिए मेडिकल बोर्ड के गठन के आदेश दिए थे और कहा था कि कोलकाता के सरकारी अस्पताल का मेडिकल बोर्ड चार मई को जस्टिस कर्णन की जांच करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को मेडिकल बोर्ड की मदद के लिए पुलिस टीम बनाने के निर्देश दिए थे। मेडिकल बोर्ड को आठ मई तक रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन जस्टिस कर्णन ने जांच से इंकार कर दिया और सातों जजों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि देश की कोई भी कोर्ट या ट्रिब्यूनल 8 फरवरी के बाद जारी किए गए जस्टिस कर्णन के आदेश पर संज्ञान ना लें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कोर्ट में जस्टिस कर्णन पेश नहीं हुए थे। सुनवाई के दौरान एजी मुकुल रोहतगी ने कहा कि जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के सात जजों के खिलाफ ही आदेश जारी कर दिए हैं। वो मानसिक रूप से ठीक हैं। वो प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सात जजों की संविधान पीठ ने कोलकाता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएस कर्नण के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले की सुनवाई की।
इससे पहले, जस्टिस सी एस कर्णन ने सोमवार को भारत के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के 7 अन्य जजों को 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। उन्होंने शीर्ष अदालत के 7 जजों की बेंच के सदस्यों के नाम लिए, जिनमें चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष और जस्टिस कुरियन जोसफ हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने जस्टिस कर्णन के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना कार्यवाही शुरू की थी और उनके न्यायिक और प्रशासनिक कामकाज पर रोक लगा दी थी।