नोटबंदी पर मीडिया की रिपोर्टिंग से नाराज हैं वित्त मंत्री, जानें क्यों ?

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वित्त मंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी के फैसले और उस पर होने वाली रिपोर्टिंग को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया और राजनेताओं पर निशाना साधा। जेटली ने गुरुवार को ‘मेक इन ओडिशा’ कॉन्क्लेव में कहा कि देश के पत्रकार हर परिस्थिति का सिर्फ स्याह पक्ष देखते हुए उन फैसलों से होने वाले सामाजिक व आर्थिक पक्ष पर ध्यान नहीं देते। साथ ही वे इन फैसलों के लागू होने वाली दिक्कतों पर भी ध्यान नहीं देते।

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वित्त मंत्री अरुण जेटली नोटबंदी को लेकर जारी संशय को भी खारिज किया है। जेटली ने कहा कि बड़े नोटों की बंदी और आगामी 1 अप्रैल से गुड्स एंड सर्विस टैक्स का हटना देशहित में लिया गया बड़ा फैसला है। यह दोनों फैसले पूरे खेल को बदल कर रख देंगे। ऐसे में इस फैसले के खिलाफ खड़े राज्यों में निवेश की संभावना को धक्का लगेगा। वे 17 सितंबर 2017 तक गुड्स एंड सर्विस टैक्स को लागू करना संवैधानिक अनिवार्यता बताते हैं।

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नोटबंदी पर हो रहे होहल्ला पर वे कहते हैं कि जहां तक पुराने नोटों के बदले जाने का मामला है। नोटबंदी की प्रक्रिया के खत्म हो जाने के बाद इकोनॉमी अपनी रफ्तार में चलने लगेगी। टैक्स बेस में बढ़ोत्तरी होगी और जीडीपी में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे। वे अंत में कहते हैं कि बैंकों में आने वाले पैसे इकोनॉमी की बेहतरी के लिए इस्तेमाल किए जा सकेंगे। वे कहते हैं कि देश में व्यापार और धंधे में इजाफा देखने को मिलेगा लेकिन कागजी रुपये का प्रचलन कम हो जाएगा।

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