टिकट बंटवारे से नाराज अखिलेश ने कहा, तुरूप के पत्ते का इंतजार करें  

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उत्तरप्रदेश चुनाव

दिल्ली: उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में आज फिर से खींचतान देखने को मिली। दरअसल, इसने नौ विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की जिनमें हत्या के आरोपी नेता अमर मणि त्रिपाठी के बेटे भी शामिल हैं। इस घटनाक्रम से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नाखशु नजर आए क्योंकि उन्होंने कहा कि वह इससे वाकिफ नहीं हैं। यादव ने हाल ही में अपने चाचा और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव से शक्ति संघर्ष के दौरान अगले साल के चुनाव में उम्मीदवारों के चयन में अपनी बात माने जाने की मांग थी। उन्होंने आज कहा कि उम्मीदवार बदले जा सकते हैं।

एक कार्यक्रम के दौरान जब उनका ध्यान उम्मीदवारों की घोषणा की तरफ आकृष्ट किया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। मैं फिलहाल इस भवन का उद्घाटन कर रहा हूं .. कल मैं कानपुर में मेट्रो का काम शुरू करूंगा। भविष्य में और उम्मीदवार बदले जायेंगे। ’’

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अखिलेश ने कहा कि सियासत में कुछ भी स्थाई नहीं होता। कल क्या होगा किसे मालूम। जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा छोड़ी तो किसे मालूम था। वह तो नेता प्रतिपक्ष थे। वैसे भी सियासत में दो-तीन पांच होता है। जैसे ताश के पत्तों में वही जीतता है, जिसके पास तुरूप का पत्ता होता है। अगर कोई तुरूप चले और दूसरा तुरूप का बड़ा पत्ता चल दे तो वह जीतता है। अखिलेश ने कहा, ‘वैसे मैं ताश नहीं खेलता। हां, शतरंज खेलना जरूर आता है। फिर भी तुरूप के पत्ते का इंतजार कीजिए।

उससे पहले दिन में शिवपाल यादव ने 2017 के विधानसभा चुनाव के वास्ते 14 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों को बदले जाने के अलावा नौ सीटों के लिए सपा उम्मीदवारों की घोषणा की ।

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घोषित किए गए उम्मीदवारों में अमर मणि त्रिपाठी के बेटे अमन मणि त्रिपाठी भी हैं । अमर मणि त्रिपाठी कवियत्री मधुमिता हत्याकांड के सिलसिले में जेल में हैं।

अमन मणि को महाराजगंज जिले की नौटवाना सीट से टिकट दिया गया है। उन पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप है। जब अखिलेश से उनके करीबी समझे जाने वाले अतुल प्रधान को टिकट नहीं दिये जाने और अमन मणि को टिकट दिये जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने सारे अधिकार छोड़ दिए हैं..सभी अधिकार लोगों के पास हैं। ’’ इस मुद्दे पर कुरेदे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं या तो सत्यवादी बनूं या राजनीतिक। मैं अपनी आदतें नहीं बदल सकता। ’’ दिन में बाद में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के निवास पर बैठक हुई जिसमें रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव और अखिलेश मौजूद थे।

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रामगोपाल ने कहा, ‘‘टिकट वितरण को लेकर पार्टी में कोई मतभेद नहीं है।’’ जब उनसे अमनमणि को टिकट दिये जाने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें 2012 में भी टिकट दिया गया था।

जब उनसे टिकट वितरण के बारे में अखिलेश की अनभिज्ञता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रदेश अध्यक्ष का काम है और उसमें कुछ भी गलत नहीं है।’’ हाल ही जब मुख्यमंत्री अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया था और उनके स्थान पर उनके चाचा शिवपाल यादव को अध्यक्ष बनाया गया था तो दोनों के बीच शक्तिसंघर्ष हुआ था।

मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप के बाद खींचतान ठंडी पड़ गयी थी।