नीतीश कटारा की वर्ष 2002 में हत्या कर दी गई थी और इन तीनों को सनसनीखेज मामले में दोषी ठहराया गया था। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ विकास और विशाल द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर की गईं अपीलों पर ये फैसला सुनाते हुए कहा कि विकास और विशाल को सजा में कोई छूट नहीं मिलेगी और उन्हें 25 साल की सजा पूरी करनी होगी।
आपको बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने विकास, विशाल और सुखदेव पहलवान क उम्रकैद की सजा किसी छूट के बिना 25 साल तक के लिए बढ़ा दी थी और सबूत नष्ट करने के लिए पांच साल की अतिरिक्त सजा दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने विकास और विशाल के सबूत नष्ट करने की सजा को भी 25 साल की सजा में ही मर्ज कर दिया है। यानी दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
हाई कोर्ट ने कटारा की हत्या को ‘झूठी शान के लिए’ हत्या करार दिया था। विकास और विशाल के सहयोगी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की उम्रकैद की सजा भी किसी छूट के बिना 25 साल तक के लिए बढ़ा दी गई थी। अदालत ने उनके द्वारा किए गए अपराध को ‘दुर्लभ में भी दुर्लभतम श्रेणी’ का करार दिया था, लेकिन यह कहते हुए फांसी की सजा नहीं सुनाई थी कि उनके सुधार और पुनर्वास की संभावना ‘से इंकार नहीं किया जा सकता।’ सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त 2015 को विकास, विशाल और सुखदेव को दोषी माना था तथा कहा था कि इस देश में ‘केवल अपराधी ही न्याय के लिए चिल्ला रहे हैं।’
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि कटारा की हत्या ‘झूठी शान’ के नाम पर की गई हत्या है, जो ‘चरम प्रतिशोध’ की भावना से ‘बहुत ही योजनाबद्ध और नियोजित तरीके से की गई।’ कटारा के विकास की बहन से प्रेम संबंध थे।
कटारा के अपहरण और हत्या के मामले में निचली अदालत ने मई 2008 में विकास (39) और विशाल (37) को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बिजनेस एक्जीक्यूटिव कटारा एक रेलवे अधिकारी का पुत्र था। वर्ष 2002 में 16-17 फरवरी की रात उसकी हत्या कर दी गई थी। विकास और विशाल उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव की पुत्री भारती से कटारा के प्रेम संबंधों के खिलाफ थे। उच्च हाई कोर्ट ने दो अप्रैल 2014 को निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। अदालत ने कहा था कि विकास, विशाल और सुखदेव ने कटारा की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि भारती और कटारा अलग-अलग जातियों से थे और इस वजह से दोषी उनके प्रेम संबंध के खिलाफ थे।































































