सुप्रीम कोर्ट ने सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब सरकार को झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक पंजाब टर्मिशन आफ एग्रीमेंट एक्ट 2004 पास कर दिया है। समझौता रद्द करने का अधिकार पंजाब सरकार को नहीं है।
सतलुज-यमुना लिंक नहर पर निर्माण कार्य जारी रहेगा। नहर की जमीन किसानों को देना गलत है। हरियाणा को पंजाब की नदियों से पानी का हिस्सा देना पड़ेगा। इस नहर को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद है।
जस्टिस एआर दवे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 12 मई को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस दवे 18 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। इस मामले में केंद्र ने कहा है कि राज्य इस मामले का निपटारा खुद करें।