कथित आतंकी बुरहान वानी की मौत को करीब डेढ़ महीने का लंबा वक्त गुज़र चुका है, लेकिन कश्मीर के हालात अब भी काबू से बाहर हैं। 45 दिन से लगातार कश्मीर सुलग रहा है। कश्मीर में 45 दिन से जारी कर्फ्यू के बीच आज पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में राज्य के विपक्षी दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में सभी नेता पीएम मोदी से घाटी के हालात सुधारने पर बात करेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में चार पार्टियां नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, पीडीएफ और लेफ्ट के नेता राष्ट्रपति से भी मिल चुकी हैं, जबकि रविवार शाम को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात कर चुके हैं। इस मुलाकात में कश्मीर घाटी में जारी अशांति और तनाव की स्थिति को नियंत्रित करने के उपायों पर चर्चा हुई।
गौरतलब है कि आतंकी बुरहान वानी की हत्या के बाद घाटी में जो तनाव शुरू हुआ। उसके बाद से लगातार वहां कर्फ्यू जारी है और कर्फ्यू का रविवार को 45वां दिन रहा। और कश्मीर में अलगाववादियों द्वारा नौ जुलाई से आहूत विरोध के बाद से घाटी में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इन हिंसाओं में अब तक 68 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,000 लोग घायल हो गए हैं। घाटी में स्कूलों, कारोबार प्रतिष्ठानों आदि को बंद रखा गया है।
राज्य के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने रविवार को कहा कि इस अशांति का सर्वाधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ा है। अख्तर ने कहा है कि अब समय आ गया है कि माता-पिता को विरोध प्रदर्शन और शिक्षा में से किसी एक को चुनना पड़ेगा। सभी तेल टैंकर ऑपरेटर्स और ट्रक संघ ने उग्र भीड़ पर हमला करने के डर से घाटी में आपूर्ति बंद करने का फैसला किया है।