इसी बीच आजम ने सुलह कराने की अपनी कोशिश को जारी रखे हुए हैं। आजम ने कहा है कि ‘मैं नाउम्मीद नहीं हूं। यह सब क्यों हुआ किसी से छिपा नहीं है, लेकिन कुछ लोग नहीं चाहते कि दोनों साथ आएं’।
वही इस मामले पर दोनों गुट चुनाव चिन्ह की लड़ाई में चुनाव आयोग के सामने हैं। चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी की साइकिल पर दावा ठोक रहे दोनों गुटों से अपना बहुमत साबित करने के लिए समर्थन देने वाले विधायकों , पार्षदों के हलफनामे तलब किए हैं। इसके लिए चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को 9 जनवरी तक का समय दिया है जिसमें समर्थन दे रहे सभी सांसदों, विधायकों और पार्षदों के साइन किए हलफनामे मांगे हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि दोनों गुटों ने अलग-अलग चुनाव आयोग से मुलाकात कर खुद को असली समाजवादी पार्टी बताया है। ऐसे में बहुमत के ज़रिए चुनाव आयोग दोनों धड़ों की मज़बूती का आकलन करना चाहता है। इस सबके बीच अखिलेश यादव ने आज विधायकों की बैठक बुलाई जिसमें उनके समर्थक विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने उनके प्रति आस्था जताई।































































