नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की ताजा हिंसा के मुद्दे पर बातचीत करने के पाकिस्तान के प्रस्ताव पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इसे खारिज कर दिया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कश्मीर और आतंकवाद के मुद्दे पर पाक को दो टूक सुनाते हुए कहा कि आतंकवाद के प्रायोजकों और इसका समर्थन करने वालों से कश्मीर पर कोई बातचीत नहीं हो सकती है।
विदेश मंत्री ने कहा कि अतीत के विपरीत अब हम इस पर सहमति नहीं जता सकते कि आतंकवाद के प्रायोजकों और समर्थकों के साथ बातचीत इस संदर्भ में कार्रवाई के बिना जारी रहनी चाहिए।
एक अलग कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि शनिवार(13 अगस्त) को स्पष्ट कर दिया कि वह भारत-पाक संबंधों के ‘समकालीन एवं प्रासंगिक’ मुद्दों पर बातचीत करेगा। भारत ने कहा कि इस बार इन मुद्दों में पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद को रोकने का विषय भी शामिल होगा।
उन्होंने कहा कि हिंसा और सीमा पार आतंकवाद को भड़काना, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी माने गए हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन जैसे लोगों के जुलूस निकालने की इजाजत देना और पाक में मुंबई हमले की सुनवाई और पठानकोट हमले की जांच को लेकर गंभीरता से आगे बढ़ना इन मुद्दों में शामिल है।
गौर हो कि शुक्रवार(12 अगस्त) को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा था कि पाक भारत को जम्मू-कश्मीर पर बातचीत के लिए आमंत्रित करेगा और इस संदर्भ में पाकिस्तानी विदेश सचिव अपने भारतीय समकक्ष को लिखेंगे। पाक के इस प्रस्ताव के बाद भारत ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।