बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। 16 जनवरी को पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लिए 149, गोवा के 7, उत्तराखंड के लिए 64 और पंजाब की बाकी बची सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम जारी किए। जिसमें दूसरी पार्टियों से आए नेताओं और रिश्तेदारों को खूब टिकट दिए गए हैं। कांग्रेस से पल्ला झाड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले कई नेताओं को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है। इस सब के बीच दूसरी पार्टियों से आए नेताओं और रिश्तेदारों को टिकट देना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों के बिलकुल उलट है।
उत्तराखंड
जारी की गई लिस्ट में उन सभी को इनाम दिया गया है दो हाल ही में यह साल दो साल मे कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए। बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ बहुगुणा को टिकट दिया है जो कांग्रेस से पार्टी में शामिल हुए। कांग्रेस के तीन नेता जो 16 जनवरी की सुबह ही बीजेपी में शामिल हुए उन्हें भी शाम तक पुरस्कृत कर दिया गया। 16 जनवरी को कांग्रेस को छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष यशपाल आर्य और उनके पु़त्र संजीव आर्य को टिकट दिया गया है। पार्टी ने पूर्व सांसद सतपाल महाराज को भी टिकट दिया है जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए। पूर्व कांग्रेसी मंत्री हरक सिंह रावत को कोटद्वार से लड़ाया जा रहा है। वहीं पूर्व प्रदेश बीजेपीध्यक्ष तीरथ सिंह रावत और विजय ब्रथवाल को टिकट नहीं दी गई।
उत्तर प्रदेश
साल 2014 लोकसभा चुनावों में गौमबुद्धनगर सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे रमेश तोमर को धोलाना से उतारा गया है। इसी महीने कांग्रेस छोड़ने वाले धीरेंदर सिंह जेवर से उम्मीदवार हैं। राजस्थान के राज्यपाल और पूर्व सीएम कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह को अत्रोली से टिकट दिया है।
दूसरी पार्टियों के उम्मीदवारों को टिकट देने से पार्टी के लोगों में नाराजगी है। यूपी से आने वाली एक महिला नेता ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा, नेतृत्व को उस बात पर टिके रहना था जो वह कह रहे थे। सालों तक जिन्होंने काम किया उन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता। पार्टी बदल रही है। नेता कहते कुछ हैं और कर कुछ रहे हैं।