नई दिल्ली। प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रूपये के नोट को अमान्य किए जाने के फैसले को साहसिक और क्रांतिकारी कदम बताते हुए केंद्र सरकार की जमकर प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि इस क्रांतिकारी कदम से बड़े पैमाने पर कालाधन, भ्रष्टाचार और आतंकियों की फंडिंग पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने कालेधन पर रोक लगाने की हिम्मत नहीं की थी। मोदी सरकार ने दूरगामी फैसला किया है और इससे लोकतंत्र मजबूत होगा।
उन्होंने कहा कि अब सरकार को चुनावी प्रक्रिया में लगने वाले कालेधन को खत्म करने का बीड़ा उठाना चाहिए। अन्ना ने आरोप लगाया कि लगभग सभी पार्टियां चुनावों के लिए कैश में दान लेते हैं।
उन्होंने कहा कि लेकिन दानदाताओं को 20 हजार रुपये से कम की रसीद दी जाती है, जिससे वे इनकम टैक्स और आरटीआई के रडार में नहीं आएं। अन्ना ने कहा कि अब सरकार को चुनावी प्रक्रिया को साफ-सुथरी बनाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।