पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में EVM की गड़बड़ी पर 4 राजनीतिक दलों ने शक जताया है। जिसके बाद चुनाव आयोग अब इन मशीनों को लेकर ‘गलतफहमी’ को दूर करने के लिए एक बड़ा जागरूकता अभियान शुरू करने की तैयारी कर रहा है। EVM की निष्पक्षता और इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सकने की जानकारी देने को लेकर एक रणनीति बनाने पर उच्च स्तरीय चर्चा की जा रही है। चुनावी प्रक्रिया और EVM पर भरोसे को बरकरार रखना सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग राजनीतिक दलों, मीडिया और जनता सहित सभी पक्षों को शामिल करना चाहता है।
आयोग EVM के कार्य करने के तरीके और इनमें कोई गड़बड़ी नहीं हो सकने को दिखाने के लिए इन मशीनों के प्रदर्शन की संभावनाएं भी तलाश रहा है। इससे पहले 2009 में भी आयोग ने इसी तरह का अभियान चलाया था। आयोग लगातार यह कह रहा है कि EVM में कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती, लेकिन इसके साथ ही यह इन वोटिंग मशीनों पर लोगों का विश्वास समाप्त होने को लेकर भी चिंतित है क्योंकि इससे चुनावों के स्वतंत्र और निष्पक्ष होने पर संदेह पैदा हो सकता है।
जागरूकता अभियान में आयोग इस बात पर जोर देगा कि एक मशीन के तौर पर EVM अनूठी है और यह किसी अन्य EVM या डिवाइस के साथ संपर्क नहीं कर सकती। इसमें कोई सर्किट या इलेक्ट्रिक केबल नही होती।
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