पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह आज सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कैप्टन के साथ 11 मंत्री भी आज शपथ लेगें। इनमें नवजोत सिंह सिद्धू, मनप्रीत बादल, ब्रह्म महिंद्रा, साधू सिंह धर्मसोत, राणा गुरजीत सिंह, तृप्त राजेंद्र बाजवा और चरणजीत सिंह चन्नी कैबिनेट तथा रजिया सुल्ताना, अरुणा चौधरी और ओपी सोनी को राज्यमंत्री का दर्जा जा सकता है।
विधानसभा में कांग्रेस के 77 विधायक हैं और राज्य में वह अधिकतम 18 मंत्री बना सकती है। हालांकि इन मंत्रियों में सभी की नजर नवजोत सिंह सिद्धू पर रहेगी। ऐसी अटकलें है कि उन्हें उपमुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है।
पंजाब में गुरु का खेल भी आज शुरू होने वाला है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुख्यमंत्री बनने जा रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध के बावजूद पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सिक्सर लगा दिया है और वो उप मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। पार्टी आलाकमान चाहता है कि सिद्धू को पंजाब का डिप्टी सीएम बनाया जाए, लेकिन सीएम बनने जा रहे अमरिंदर सिंह इसके लिए तैयार नहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक सिद्धू को पंजाब का उप मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को दखल देना पड़ा। दरअसल सूत्रों के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान साफ कर दिया था कि वो गुरु को कैबिनेट मंत्री बनाने के लिए तैयार हैं, उप मुख्यमंत्री नहीं।
सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू तक जब ये खबर पहुंची तो उन्होंने मंत्री पद के प्रस्ताव को उसी तरह मैदान से बाहर पहुंचा दिया जिस तरह से वो क्रिकेट के मैदान में छक्का मारा करते थे।
खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एलान किया है कि अब वो भविष्य में चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे। सूत्रों के मुताबिक इसी बात को सामने रखकर सिद्धू ने कांग्रेस आलाकमान को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार कर लिया यानी पहली उप मुख्यमंत्री और बाद में मुख्यमंत्री।
भले ही कैप्टन अमरिदर सिंह ने मंत्री बनने के लिए तीन बार विजेता होने का मानक तय किया है, लेकिन राहुल कोटे से आने वाले मंत्रियों के मामले में इस नियम को लचीला बनाया जाना तय है।
माना जा रहा है कि राहुल कोटे से दूसरी बार चुनाव जीते यूथ कांग्र्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरिदर सिंह राजा वड़िंग, संगरूर से विजय इंदर सिंगला और पहली बार चुनाव जीत कर आए अमित विज का मंत्री बनना तय है।
सबसे सीनियर विधायक ब्रह्मा मोहिदरा हैं, उन्हें कैबिनेट में स्थान मिल सकता है। उनके बाद सबसे महत्वपूर्ण नाम डॉ. राजकुमार वेरका का है। जो कैप्टन के करीबी भी हैं। वेरका के स्पीकर बनने से अमृतसर में तीन मंत्री बनाने की टेंशन भी कैप्टन सरकार को नहीं रहेगी।