नई दिल्ली :डीयू स्टूडेंट गुरमेहर कौर से जुड़े विवाद पर क्या सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने अपना रुख नरम कर लिया है? बुधवार के घटनाक्रम से तो कम से कम यही लगता है। वहीं, पार्टी के कई नेताओं ने निजी बातचीत में भी माना है कि एबीवीपी के खिलाफ ऑनलाइन कैंपेन छेड़ने वाली गुरमेहर को अकेला छोड़ दिया जाना चाहिए।
गुरमेहर पर कथित तौर पर निशाना साधने वाले पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग और ऐक्टर अनुपम खेर भी बुधवार को नरम पड़ते नजर आए। गुरमेहर का एबीवीपी के खिलाफ कैंपेन से अलग होने और जालंधर वापस जाने का ऐलान करने के बाद बॉलिवुड भी उनके समर्थन में उमड़ पड़ा है। इससे पहले, इस डीयू स्टूडेंट को कुछ ऑनलाइन ट्रोल्स ने रेप और जान से मारने की धमकी दी थी।
केंद्रीय टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि शहीद की बेटी कौर को अपने विचार रखने का हक है और उसे ट्रोल किया जाना गलत है। मंत्री के इस बयान से बीजेपी कैंप के इस मुद्दे पर बदलते मूड को भांपा जा सकता है। रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हर किसी को अभिव्यक्ति की आजादी है। लेकिन यह कहना कि कश्मीर या बस्तर को आजाद होना चाहिए, गलत है।’
वहीं, इस मुद्दे पर ट्वीट करके विवाद को और ज्यादा हवा देने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी अपना रुख बदल लिया है। 26 फरवरी को ट्वीट करके उन्होंने पूछा था, ‘पता नहीं, इस लड़की का दिमाग कौन प्रदूषित कर रहा है?’ वहीं, रिजिजू ने बुधवार को कहा कि उन्हें गुरमेहर को रेप और जान से मारने की धमकी मिलने के बारे में जानकारी नहीं थी। मंत्री ने कहा, ‘मैं चुनाव प्रचारों की वजह से मणिपुर में था और मुझे सारी बातें नहीं पता थीं। मैं उस स्टूडेंट के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पूरा समर्थन करता हूं।’
सहवाग ने भी ट्वीट में लिखा, ‘हर किसी को बिना डरे अपने विचार रखने का हक है। गुरमेहर कौर हों या फिर फोगाट बहनें।’ ऐक्टर अनुपम खेर ने भी कहा कि शहीद की बेटी का रुख सही है। एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘उसका यह कहना सही है कि कोई नहीं चाहता कि जंग हो। सीमाओं पर तैनात सैनिक देश की हिफाजत करने के लिए हैं, गोली खाने के लिए नहीं।’ वहीं, क्रिकेटर गौतम गंभीर और ऐक्ट्रेस विद्या बालन भी गुरमेहर के समर्थन में उतर आए।
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