नई दिल्ली: जो देश की खातिर अपनी जान कुर्बान करते हैं उन्हें शहीद नहीं कहा जा सकता। यह हम नहीं कह रहे। ये कहना है गृह मंत्रालय का। संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजुजू ने बताया कि अगर कोई जवान किसी ऑपरेशन के वक्त मारा जाता है तो उसके लिए शहीद जैसा शब्द सेना में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
इंडिया संवाद वेबसाइट के मुताबिक गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि ना तो पुलिस मैनुएल और ना ही सेना के किसी कानून में इस शब्द का प्रावधान हैं। इसलिए इस शब्द का इस्तेमाल सेना या पैरा ममिलिट्री के मारे गए जवानों के लिए नहीं किया जा सकता हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि मारे गए जवानों के परिवार या करीबी संबंधी को नियमों के मुताबिक पूरी पेंशन और एक मुश्त अनुग्रह राशि जरूर दी जाती है।
शहीद शब्द का इस्तेमाल न करने के पीछे कारण यह है कि न तो पुलिस मेन्युअल में और न ही सेना के कानून में इसका प्रावधान है। हालांकि गृह राज्यमंत्री का कहना है कि मारे गए जवानों के परिवार या करीबी संबंधी को नियमों के अनुरूप पूरी पेंशन और एक मुश्त अनुग्रह राशि दी जाती है।