जाधव मामले से भटकाने को पाक ने चली नई चाल, कहा- 3 RAW एजेंट पकड़े

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पुंछ में डेप्युटी सुपरिटेंडेंट (DSP) साजिद इमरान ने खलील को मुख्य संदिग्ध बताया। रिपोर्ट के मुताबिक वह नवंबर 2014 में (भारत) कश्मीर के बंदी चेचियां गांव में अपने रिश्तेदारों से मिलने आया था। यहां उसका संपर्क RAW के अधिकारियों से हुआ जिन्होंने उसे लालच देकर अपना काम करवाने के लिए राजी कर लिया। पाक अधिकारी के मुताबिक, खलील ने इंट्रा-कश्मीर ट्रैवल परमिट प्राप्त करने के बाद यह काम करना शुरू किया। वापस लौटने पर उसने अपने ही गांव के इम्तियाज और रशीद को उसके साथ काम करने के बदले ‘अच्छी खासी रकम’ देने की बात कही। पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में खलील ने बताया कि वह अब्बासपुर सेक्टर के अलग-अलग हिस्सों से करीब 14-15 बार नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर चुका है, जबकि उसके साथी 5-6 बार LoC पार कर चुके हैं।

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DSP इमरान ने बताया, ‘खलील अपने साथ सिगरेट और (मोबाइल फोन का) मेमरी कार्ड ले जाता जिसमें पुलों, मस्जिदों, सेना और पुलिस से संबंधित तस्वीरें होती थीं।’ अधिकारी ने यह भी बताया कि आरोपी के पास से उसके नाम से रजिस्टर्ड दो ऐक्टिव सिम कार्ड भी मिले हैं जिनसे वह भारतीय अधिकारियों से बात करता था। वह पैसे के अलावा भारतीय शराब भी लेकर आता था जिसे बाद में वह इलाके के लोगों को बेच देता था।

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DSP ने बताया कि पिछले साल 27 सितंबर को अब्बासपुर के पुलिस स्टेशन के बाहर बम धमाका करने के लिए इन्होंने ही IED (Improvised Explosive Device) प्लांट किया था जिसे ये लोग LoC के उस पार से लाए थे। अधिकारी ने यह भी बताया कि खलील को पिछले साल (पाकिस्तान की) किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसी (law enforcement agency) के आगे बम ब्लास्ट करने के लिए पांच लाख रुपये देने का ऑफर दिया गया था। इस रकम में से डेढ़ लाख रुपये खलील, और 50-50 हजार रुपये इम्तियाज और रशीद को देना तय हुआ था।

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