संसद नहीं चलने से गुस्से में राष्ट्रपति, कहा- हंगामा कर बहुमत की आवाज दबा रहा विपक्ष

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। नोटबंदी के फैसले के बाद शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पिछले करीब 17 दिनों से चल रहे लगातार हंगामे पर राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार(8 दिसंबर) को गहरी नाराजगी जताई है। राष्ट्रपति ने सरकार और विपक्ष के बीच चल रहे गतिरोध को खत्‍म करने की अपील करते हुए कहा कि संसद की कार्यवाही में बाधा किसी भी सूरत में स्‍वीकार्य नहीं है।

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विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सदन धरना-प्रदर्शन और ऐसी बाधा पैदा करने की जगह नहीं है, जिसमें अल्पमत द्वारा ‘‘बहुमत की आवाज दबा दी जाए।’’ मुखर्जी नेने सांसदों को बताया कि विपक्ष का काम सदन को बाधित करना नहीं, बल्कि चर्चा और कामकाज करना है। उन्होंने कहा कि भगवान के लिए संसद को चलने दें, संसद को चलाना सांसदों का काम है।

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प्रणब ने कहा कि सदन में हंगामा और नारेबाजी करने का मतलब है कि आप चोट पहुंचा रहे हैं, आप बहुमत की आवाज दबा रहे हैं। सिर्फ अल्पमत ही सदन के बीचोंबीच आता है, नारेबाजी करता है, कार्यवाहियां रोकता है और ऐसे हालात पैदा करता है कि अध्यक्ष के पास सदन की कार्यवाही स्थगित करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है।

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नोटबंदी का एक महीना पूरा होने पर विपक्ष ने गुरुवार को ‘काला दिवस’ मनाया। विपक्षी दलों के सांसद काली पट्टी बांधकर आए थे और संसद में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऐलान के खिलाफ विपक्ष ने दोनों सदनों में हल्‍ला बोल रखा है। रोज शीतकालीन सत्र की कार्रवाई शुरू होती है और हंगामे के चलते स्‍थगित हो जाती है।