10 नवंबर से 30 दिसंबर तक बैंकों में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट जमा किए गए। इसके अलावा आरबीआई की ओर से 500 और 2000 के अलावा छोटी करंसी के भी नोट जारी किए गए। 18 नवंबर को आरबीआई की ओर से जारी डेटा के मुताबिक कुल 14.27 लाख करोड़ रुपये की करंसी सर्कुलेशन में थी। इसमें 2.51 लाख करोड़ रुपये छोटी करंसी में थे, जिन्हें बैन नहीं किया गया। इसके अलावा नए जारी किए गए नोट और बैन करंसी नोट भी इस आंकड़े में शामिल थे। हालांकि आरबीआई की ओर से नए नोटों को जारी करने का सटीक आंकड़ा नहीं बताया गया।
आरबीआई ने पहली बार 7 दिसंबर को मौद्रिक समीक्षा नीति को लेकर जारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नए नोटों का आंकड़ा बताया था। डेप्युटी गवर्नर आर. गांधी के मुताबिक 6 दिसंबर तक कुल 4 लाख करोड़ रुपये के नए करंसी नोट सर्कुलेशन में आ चुके थे। इनमें 1.06 लाख करोड़ रुपये 100 और उससे कम की करंसी नोट के थे, जबकि 2.94 लाख करोड़ रुपये 500 और 2000 के नोटों में थे। इसके बाद 9 दिसंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार कुल 9.81 लाख करोड़ रुपये की करंसी सर्कुलेशन में थी। इसमें 2.51 लाख करोड़ रुपये की छोटी करंसी थी, जो 8 नवंबर से पहले की थी। इसके अलावा 1.06 लाख करोड़ रुपये की नई छोटी करंसी थी। वहीं 2.94 करोड़ रुपये के 500 और 2000 रुपये के नए नोट थे।
इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि 9 दिसंबर तक आरबीआई के पास सिर्फ 3.29 लाख करोड़ रुपये के बैन नोट वापस आने रह गए थे। दूसरे शब्दों में कहें तो कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों में से 12.14 लाख करोड़ की करंसी वापस आ गई। 13 दिसंबर को आरबीआई की ओर से मीडिया में दिए गए बयान में भी यह बात कही गई थी।































































