देश में एक वैश्विक बैंक बनने का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने SBI में इसके पांच सहयोगी बैंकों के विलय के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी। विलय प्रक्रिया पूरी होने पर SBI दुनिया के 50 बड़े बैंकों में शामिल हो जाएगा। केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद SBI अब स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक आफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला का अधिग्रहण करेगा जिसके बाद वह दुनिया के सबसे बड़े 50 बैंकों में शामिल हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। कैबिनेट ने एसबीआई के पांच सहयोगी बैंकों के विलय की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने के लिए संसद में एक विधेयक पेश करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
इस विधेयक के जरिये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (सब्सिडियरी बैंक्स) अधिनियम, 1959 और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद अधिनियम, 1956 को खत्म कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि इससे बैंकिंग गतिविधियों में कार्यकुशलता बढ़ेगी और फंड की लागत भी घटेगी। जेटली ने कहा कि इस विलय से इन बैंकों के कर्मचारियों की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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