आज नौंवा नवरात्र और रामनवमी: सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगी मां सिद्धिदात्री, राम लगाएंगे बेड़ा पार

0
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

राम नवमी पर्व भगवान विष्णु के अवतार के रूप में मानव शरीर में जन्म लेने वाले भगवान राम को को समर्पित है। अगस्त्यसंहिता के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र में कर्कलग्‍न में जब सूर्य पांच ग्रहों की शुभ दृष्टि के साथ मेष राशि पर विराजमान थे, तब भगवान् श्रीराम का माता कौशल्या के गर्भ से जन्म हुआ था। भारतीय संस्कृति में राम को सदाचार का आदर्श माना गया है। कहते हैं, उनके समय में प्रजा हर प्रकार से सुखी थी। राम का शासन यानी राम राज्‍य शांति और समृद्धि पर्यायवाची बन गया है।

इसे भी पढ़िए :  रामनवमी का पोस्टर फाड़ने पर दो समुदायों में हिंसा, उपद्रवियों ने किया पथराव, दुकानों में लगाई आग

रामनवमी के साथ-साथ और नौवां यानी नवरात्र का आखिरी दिन भी है। आदिशक्ति मां दुर्गा का नौंवा स्वरूप मां सिद्धिदात्री हैं, नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। मां दुर्गा की नवीं शक्ति सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं, मार्कण्डेयपुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व-ये आठ सिद्धियां होती हैं।

इसे भी पढ़िए :  लगातार 5 दिन रहेगी बैंकों की छुट्टी, निपटा लो सारे काम, वरना पछताओगे

 

मां का स्वरुप

मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं, इनकी दाहिनी तरफ के एक हाथ में चक्र और दूसरे हाथ में गदा है तथा बायीं तरफ के एक हाथ में शंख और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प है। मां सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है और ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं।

नव दुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं,अन्य आठ आदिशक्तियों की पूजा-उपासना शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार करते हुए भक्त दुर्गा-पूजा के नौवें दिन इनकी उपासना में प्रवृत्त होते हैं। मां सिद्धिदात्री की उपासना पूर्ण कर लेने के साथ ही भक्तों और साधकों की लौकिक पारलौकिक सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है।

इसे भी पढ़िए :  मिलिये 'प्लेब्वॉय ग्रैंडपा' से, हसीनाओं-पार्टी के बीच जीता है LIFE

मां सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में नौवें और अंतिम दिन इसका जाप करना चाहिए।

सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी। ।

अगले स्लाइड में पढ़ें – रामनवमी के दिन श्रीराम की पूजा का महत्व 

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse