कालकाजी मंदिर
राजधानी दिल्ली में स्थित कालकाजी के इस मन्दिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। हालाँकि मन्दिर का विस्तार पिछले 50 सालों का ही है, लेकिन मन्दिर का सबसे पुराना हिस्सा अठारहवीं शताब्दी का है। यह मंदिर दक्षिणी दिल्ली के कालका जी में स्थित है। इसे मनोकामना सिद्धपीठ और जयंती काली पीठ भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि असुरों द्वारा सताए जाने पर ब्रह्मा जी की सलाह पर देवताओं ने शिवा (शक्ति) की आराधना की थी। देवी के प्रसन्न होने पर देवताओं ने उनसे असुरों से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की।
शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण पाण्डवों को लेकर यहां आए थे। उन्होंने मां काली की पूजा की और विजयी होने का वर प्राप्त किया।