तब उनके पडौसियो ने विराट के पिता को सुझाव दिया की “विराट में बहुत प्रतिभा है और गली क्रिकेट खिलाकर आप इसका समय व्यर्थ ना करे बल्कि इसके बजाय आप इसको किसी प्रोफेशनल क्लब में दाखिला दिलाये ताकि क्रिकेट के करियर में ये आगे बढ़े। तब Virat Kohli विराट के पिता को भी पडौसियो की बात सही लगी और उनको क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलवाया।
नौवी कक्षा में उनको पश्चिमी विहार के Savier Convent में शिफ्ट क्र दिया गया जहां पर उन्होंने अपनी क्रिकेट प्रक्टिस जारी रखी थी। खेल के अलावा विराट पढाई में भी बहुत तेज थे और आज भी उनके अध्यापक उनको एक होशियार छात्र के रूप में याद करते है। 18 दिसम्बर 2006 में ब्रेन स्ट्रोक की वजह से एक महीने तक बीमार रहने के बाद मौत हो गयी थी जिसका विराट के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था। वो आज भी किसी भी इन्टरव्यू में अपनी सफलता के पीछे अपने पिता का हाथ बताते है जिन्होंने हमेशा क्रिकेट करियर में उनका योगदान दिया था।