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जिलेदार सिंह यादव के मुताबिक उनके बैंक में केवल 611 रूपए थे। वे बताते हैं कि मैंने 19 तारीख को ही पीएमओ ऑफिस और आईटी विभाग को इस बैंक बैलेंस के बारे में मेल किया था जिसमें बैंक की पूरी जानकारी भी दी थी। जिलेदार सिंह यादव कहते हैं, ”बैंक के तीन अधिकारी सोमवार को मेरे दफ्तर आए थे। उन्होंने कहा कि केवाईसी नहीं था इसलिए गलती हो गई। साथ ही बैंक वाले ये भी कह रहे थे कि उनकी पत्नी का अकाउंट होल्ड कर दिया गया था। मेरे पास इसकी पूरी जानकारी नहीं है लेकिन वो अपना बचाव कर रहे थे और मैंने मीडिया में जानकारी देकर अपना बचाव किया है।”
शीतल यादव कहती है कि मुझे मेल में क्या लिखा गया इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है। वे हंसते हुए कहती है कि परेशानी हुई, इतना शोरशराबा हुआ और हमें कुछ इनाम भी नहीं मिला।
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