जनसत्ता के खबर के मुताबिक साल 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी अगर लालू-नीतीश गठबंधन बना रहा तो सूबे में विपक्षी भाजपा ‘प्लान बी’ के तहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ खड़ा सकती है। इसकी एक झलक 15 जून (2017) को दिखाई भी दे चुकी है जहां सीएम योगी ने बिहार की जनता को संबोधित करते हुए अपने इरादे जाहिर किए। उन्होंने इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगले विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता ने विकास के लिए मुझे चुना है। मैं सूबे के हर जिले की यात्रा करूंगा ताकि बिहार में भाजपा की सरकार बने।’ हालांकि इस दौरान सीएम योगी ने विधानसभा चुनावों के बारे में बात की, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि 2019 लोकसभा चुनावों से पहले सूबे में भाजपा को मजबूती से खड़ा करना है। बता दें कि साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सूबे में भाजपा गठबंधन ने 40 में से 31 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन साल 2015 में होने विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में महागठबंधन की वजह से भाजपा को सूबे में हार का मुंह देखना पड़ा।
बता दें कि आम चुनाव में अब दो साल से भी कम समय बचा है, ऐसे में भाजपा किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। जिसके तहत पार्टी ने यूपी के अलावा बिहार की जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को सौंपी है। सूत्रों के अनुसार पार्टी आलाकमान को पार्टी बिहार नेताओं के मुकाबले आदित्य नाथ पर ज्यादा विश्वास है। क्योंकि स्वच्छ छवि वाले योगी बिहार में सीएम नीतीश को सीधी टक्कर दे सकते हैं। माना जा रहा है कि 2019 विधानसभा चुनाव से पहले योगी आदित्य नाथ के इन दौरे से सीएम नीतीश पर दवाब बनेगा। सीएम योगी हिंदुत्व मुद्दे पर नरम रुख को लेकर भी नीतीश कुमार पर निशाना साध चुके हैं। इस दौरान उन्होंने नीतीश को चुनौती देते हुए कहा, ‘सरकार बनने के 24 घंटों के भीतर गैरकानूनी स्लॉटर हाउस यूपी में बंद करा दिए गए। क्या नीतीश कुमार ऐसा कर सकते हैं?’ दरभंगा में जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने नीतीश कुमार की कार्यशैली पर निशाना साधते हए कहा कि तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार क्यों चुप है?