स्कूल जलाने की घटनाएं: जम्मू-कश्मीर सरकार ने अलगाववादियों पर लगाया आरोप

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NIA
फोटो: साभार

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर सरकार ने स्कूल जलाने की बढ़ती घटनाओं के बीच सोमवार(31 अक्टूबर) को अलगावादियों की ओर उंगली उठाई। जम्मू कश्मीर के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने इन घटनाओं की किसी जांच से इनकार किया और कहा कि ‘‘कश्मीर के असहाय लोगों के खिलाफ इस बड़े षड्यंत्र के स्रोत की किसी को जांच करने की जरूरत नहीं है।’’

उन्होंने एक बयान में कहा कि ‘‘स्कूलों को जलाना (कश्मीर में) हिंसा की आग को जलाये रखने के षड्यंत्रों में से एक है, ये वही लोग हैं जो बैंक लूटने, दुकान और वाहन जलाने, बेगुनाहों पर पथराव करने, नागरिकों को धमकाने को प्रोत्साहित कर रहे थे, जो शैक्षिक संस्थानों को जलाने के लिए जिम्मेदार थे।’’

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मंत्री ने कहा कि ‘‘यह पता लगाने के लिए किसी भी जांच की जरूरत नहीं कि इन सब के पीछे कौन हैं।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘ये वे लोग हैं जिन्होंने शिक्षा के लिए यह अभियान चलाया है, क्योंकि अपने निहित स्वार्थ के चलते वे इसे एक खतरे के तौर पर देखते हैं।’’

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उन्होंने यासिन मलिक पर निशाना साधते हुए कहा कि शुरूआती चरण में जेकेएलएफ प्रमुख एवं अन्य ‘‘बंद को आगे बढ़ाने में आगे थे, लेकिन अब उन्होंने इससे दूरी बना ली है और गेंद (कट्टरपंथी हुर्रियत कान्फ्रेंस अध्यक्ष) सैयद अली शाह गिलानी के पाले में डाल दी है।’’

उन्होंने बोर्ड परीक्षा तय कार्यक्रम के तहत कराने के अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि सरकार राज्य के शैक्षिक क्षेत्र में कुछ नया थोपने का प्रयास नहीं कर रही है। वहीं कश्मीर में स्कूल को जलाने की निंदा करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जी ए मीर ने कहा कि यह बच्चों के भविष्य पर एक हमला है और दोषियों की पहचान करके उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

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राज्य के पूर्व पर्यटन मंत्री मीर ने कहा कि यह राज्य की अक्षमता है कि वह घाटी में आधारभूत ढांचे का संरक्षण नहीं कर पा रही है। आपको बता दे कि कश्मीर घाटी में पिछले कुछ महीने के दौरान करीब 25 स्कूलों को रहस्यमय ढंग से जला दिया गया।