निर्भया कांड की चौथी बरसी पर विशेष: कानून बदला, लेकिन समाज नहीं… शर्मसार करते ये आंकड़े

0
2 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse

भारत सरकार के आंकड़ों की मानें तो महिलाओं के प्रति अपराध में 18 फीसद की दर से बढ़ोतरी हो रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक, चार साल पहले की तुलना में 10 हजार से ज्यादा केवल बलात्कार की घटनाओं में इजाफा हुआ है। सबसे चौंकाने वाली तथ्य यह है कि सजा की दर मात्र 29 फीसद पर अटकी हुई है। यानि, एक साल में सौ में से मात्रि 29 आरोपियों को ही सजा हो पा रही है।

इसे भी पढ़िए :  निर्भया गैंगरेप केसे: फांसी पर फैसला थोड़ी देर में, जानें फैसले से पहले दोषियों के वकील की राय

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में देशभर में रेप के 34 हजार 500 से अधिक मामले सामने आए। इनमें से 33 हजार 098 मामलों में अपराधी, पीड़ितों के परिचित थे। रेप के मामले में दिल्‍ली दूसरे स्‍थान पर है। दिल्ली में रेप के 2 हजार 199 मामले दर्ज किए गए।

निर्भया कांड के बाद दावे किए गए थे कि दो साल के अंदर दिल्ली के हर थाने में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या कम से कम 10 हो जाएगी, लेकिन अब भी ज्यादातर थानों में इनकी संख्या महज 6-8 है। दिल्ली पुलिस में महिलाओं की संख्या महज सात फीसद ही है। इनमें 60 फीसद महिला कर्मचारी ऐसी हैं, जिनका शहर की कानून व्यवस्था से सीधे कोई वास्ता नहीं है।

इसे भी पढ़िए :  लखनऊ रैली में विपक्ष पर मोदी का वार, एक पार्टी को बेटे की, दूसरी को पैसों की चिंता और तीसरी अपने ही परिवार में उलझी

इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने 922 ऐसे स्थान चिन्हित किए थे, जहां रात में रोशनी की व्यवस्था नहीं है। यही नहीं, 200 ऐसे बस स्टैंड भी चिन्हित किए थे, जहां पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इन स्थानों पर रोशनी की व्यवस्था के लिए दिल्ली पुलिस ने संबंधित एजेंसियों को पत्र भी लिखा, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है।

इसे भी पढ़िए :  शर्मनाक : फीस के पैसे नहीं होने पर स्कूल प्रशासन ने लड़कियों के कपड़े उतरवाए

आगे पढ़ें, निर्भया कांड के बाद ये हुआ बदलाव

2 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse