उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व में भाजपा की नई सरकार तेजतर्रार रुख अख्तियार किए हुए हैं। 100 दिन का प्राथमिकता प्लान, हर विभाग द्वारा मुख्यमंत्री को पावर-प्वॉइंट प्रजेंटेंशन, बॉयोमीट्रिक अटेंडेंस जैसे कदम उठाकर योगी सरकार ने अधिकारियों व सरकारी कर्मचारियों के पेंच कसने शुरू कर दिए हैं। बीजेपी सरकार ने रिटायरमेंट के बावजूद एक्सटेंशन पाकर पदों पर बैठे करीब पांच दर्जन अधिकारियों को ‘नमस्ते’ कह दिया है। शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने बताया कि विभिन्न विभागों में 60 वरिष्ठ अधिकारियों की पुर्ननियुक्ति रद कर दी गई है। भटनागर ने इकॉनमिक टाइम्स ने बातचीत में कहा, ”ऐसे एक्सटेंशन पर 78 अधिकारी थे… और भी हो सकते हैं क्योकि अभी पूरी जानकारी आनी बाकी है। हमने सिर्फ 18 को रखा है जो कि तकनीकी विषय देख रहे हैं। (पिछली) सरकार से नजदीकियों की वजह से कुछ लोग लंबे समय से पदों पर बैठे थे। इस सप्ताह, कई कॉर्पोरेशंस के सलाहकारों और चेयरपर्संस को हटाया गया है। इतने बड़े पैमाने पर सफाई होना अच्छा है।”
भटनागर के मुताबिक, सेवा कर रहे अधिकारियों को एक मौका मिलना चाहिए मगर एक्सटेंशन तीन महीनों से ज्यादा का नहीं होना चाहिए। आदित्य नाथ ने सभी विभागों से प्राथमिकता के आधार पर उन कार्यों की योजना तैयार करने को कहा है कि जिन्हें सरकार के शुरुआती 100 दिनों में पूरा कर ‘जमीन पर एक परिवर्तन’ दिखाया जा सके। पीडब्ल्यूडी से कहा गया है कि 15 जून तक राज्य की सभी सड़कों के गड्ढे भरे जाएं।