अलगाववादियों से किनारा कर रहे हैं कश्मीरी, 90 दिनों के बंद का असर

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सरकारी कार्यालयों में सामान्य दिनों की तरह ही कामकाज हुआ। सिर्फ व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें और सार्वजनिक यातायात के अलावा स्कूल कॉलेज ही बंद रहे। दोपहर तीन बजे तक वादी के किसी भी हिस्से में ¨हसा की कोई घटना की सूचना नहीं थी। सड़कों और गली-बाजारों में बेशक पुलिस और अर्धसैनिकबलों के जवान तैनात थे, लेकिन उनकी संख्या भी बीते दिनों से कहीं कम थी। श्रीनगर के हसनबाद, सैदाकल, पट्टन और बडगाम के कुछ हिस्सों में प्रशासन ने निषेधाज्ञा लगाई, लेकिन वह अलगाववादियों के बंद और प्रदर्शनों के कारण नहीं बल्कि संबधित इलाकों में मुहर्रम के जुलूस के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए थी।

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