सैनेटरी नैपकिन्स पर जीएसटी लागू करने के बाद 12 प्रतिशत टैक्स लगाए जाने का देशभर की महिलाएं विरोध कर रही है। वहीं इसके खिलाफ तमिलनाडू के कोयम्बटूर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक यूथ रेवोल्यूशनरी मूवमेंट छेड़ दिया है। विरोध जताने का एक नया तरीका अपनाते हुए इन कार्यकर्ताओं ने न केवल केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के घर सैनेटरी नैपकिन्स भिजवा दिए। बता दें कि 30 जून को देश में जीएसटी लागू करने के बाद सैनेटरी नैपकिन्स पर 12 प्रतिशत टैक्स दिया जाएगा जो कि पहले पांच प्रतिशत टैक्स दिया जाता था।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट में 12 प्रतिशत टैक्स को लेकर एक याचिका दी गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से इस पर जवाब मांगा था। यह याचिका जेएनयू की एक पीएचडी स्कॉलर ज़रमीना इसरार खान ने डाली थी। याचिका में कहा गया था कि सैनेटरी नैपकिन्स पर इतना टैक्स लगाकर महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है और यह गैरकानूनी व्यवहार है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरी शंकर की बेंच ने सरकार से इस मामले को 15 नवंबर तक सुलझाने के लिए कहा है। याचिकाकर्ती खान के वकील अमिल जॉर्ज ने कोर्ट में कहा था कि सैनेटरी नैपकिन्स महिलाओं के सम्मान और आजादी के लिए बहुत जरूरी है। इनसे महिलाओं की सेहत भी जुड़ी है।
इस याचिका में कहा गया है कि नैपकिन्स पर या तो कोई टैक्स न लिया जाए या फिर इसे कम किया जाए।