सब जानते हैं कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु की परम्परा का हिस्सा है। ये महज़ एक खेल नहीं बल्कि इसके साथ तमिलनाडु की परम्पराएं जुड़ी हुई हैं। लेकिन एक तरफ इस खेल पर प्रतिबंधित रखने की सिफारिशें तेज हैं तो दूसरी तरफ फिल्म अभिनेता कमल हासन इसकी पैरवी में उतर आए हैं। कमल हासन ने सोमवार को कहा कि जो लोग यह सोचते हैं कि यह खेल जानवरों के प्रति क्रूरता है उन्हें बिरयानी खाना छोड़ देना चाहिए।
इंडिया टुडे साउथ कॉक्क्लेव के दौरान हासन ने कहा, ”यदि आप जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध चाहते हैं तो फिर बिरयानी पर भी प्रतिबंध लगाओ। मैं जल्लीकट्टू का दीवाना हूं।” साथ ही कहा कि वे कई बार इस खेल का हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह खेल तमिलनाडु के परंपरागत संस्कृति का हिस्सा है। कमल हासन पहले भी जल्लीकट्टू को फिर से शुरू करने की पैरवी कर चुके हैं।
गौरतलब है कि जल्लीकट्टू को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 में प्रतिबंधित कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इससे जानवरों पर क्रूरता होती है। कमल हासन ने कहा कि स्पेन के खेल बुल फाइटिंग और जल्लीकट्टू में कोई समानता नहीं है। उन्होंने कहा, ”यह सांड को रोकने के बारे में है ना कि उसके सींग तोड़कर या किसी अन्य तरह से उसे शारीरिक नुकसान से जुड़ा है। स्पेन में सांडों को नुकसान पहुंचाया जाता है और उन्हें मार दिया जाता है। तमिलनाडु में सांडों को देवता की तरह माना जाता है।”