खबरदार! नोटबंदी के बाद कालेधन को सफेद करने में लगे बैंक मैनेजर ये खबर जरूर पढ़ें और सबक लें

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नोटबंदी के फैसले के बाद देशभर में काली कमाई को सफेद करने का काला कारोबार खूब चल रहा है, इस गोरखधंधे में कई बैंक मैनेजर्स भी शामिल हैं। कई जगहों से ऐसी खबरें सामने आ चुकी हैं। जिसके बाद बैंक मैनेजरों पर भी छापेमारी तेज हो गई है। ये खबर उन तमाम बैंक मैनेजर्स के लिए है। जो अपने पद और कुर्सी का गलत इस्तेमाल कर इस गोरखधंधे में शामिल हो रहे हैं। क्योंकि कानून के शिकंजे में ना कोई खास है और ना ही आम..जब कानून की लाठी चलती है तो बड़े-बड़े सफेदपोश भी पानी भरते नज़र आते हैं। नीचे दी गई खबर पढ़कर आप इस बात का अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं।

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बैंक के एक मैनेजर को लोन स्‍कैम के कारण 14 साल की कैद काटनी पड़ी लेकिन रिहाई मिलने के बाद फिर से 3 साल तक जेल की सजा सुनाई गई है। एक शख्स को एक ही अपराध के लिए 14 साल जेल में काटने के बाद फिर से 3 साल की सजा सुना दी गई। जी हां, यह सच है। अहमदाबाद के दीपक कुमार के साथ भारतीय कानून व्यवस्था ने कुछ ऐसा ही किया है। 66 वर्षीय दीपक कुमार पंजाब नैशनल बैंक की नवरंगपुरा ब्रांच के पूर्व मैनेजर हैं, जिन पर 25 लाख के लोन स्कैम का दोष साबित हुआ और इसके लिए उन्होंने 14 साल जेल में काट भी लिए। शुक्रवार को स्पेशल CBI कोर्ट ने दीपक को फिर से इस क्राइम के लिए ही 3 साल कैद की सजा सुना दी।

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कोहली पहले ही निर्धारित सजा से ज्यादा वक्त जेल में काट चुके हैं, क्योंकि जिस अपराध के तहत उन्हें दोषी पाया गया था, उसमें अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। 2013 में गुजरात हाईकोर्ट द्वारा जमानत स्वीकार किए जाने के बावजूद कोहली जेल में थे। उन्हें 2002 के अक्टूबर माह में गिरफ्तार किया गया था। अक्टूबर 2002 में उन्होंने बिना जमीनी कागजात का वैरिफिकेशन पूरा किए करीब 3.5 करोड़ रुपये 40 लोगों के अकाउंट में डलवा दिए। इसके बाद जरूरी दस्तावेजों को सही न पाए जाने की वजह से कोहली को 70 मामलों में दोषी पाया गया।

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अगस्त, 2013 में कोहली को 30 मामलों में कोर्ट से रिहाई मिल गई थी, लेकिन बाकी मामलों में उनके ऊपर 2014 में फिर से ट्रायल शुरू हुआ। बाकी बचे हुए मामलों में प्रति केस 5 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिल गई। मुचलका भरने के बाद भी कोहली जेल से बाहर नहीं आ सके, क्योंकि पुलिस ने 6 मामलों में चार्जशीट ही फाइल नहीं की थी और दस्तावेज न मिलने की वजह से उनकी रिहाई अटक गई।